भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के खिलाफ रेसीडेंसी एरिया में किए गए विरोध प्रदर्शन पर पुलिस ने धारा 188 और अन्य धाराओं में जो केस दर्ज किया था, उसके खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है। सोमवार को हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान विजयवर्गीय की ओर से कहा गया कि पुलिस ने एफआईआर गलत तरीके से दर्ज की है। तहसीलदार को एफआईआर दर्ज कराने का अधिकार ही नहीं था। जांच के बगैर सीधे केस दर्ज कर लिया।
वैसे भी धारा 188 में सीधे एफआईआर दर्ज नहीं हो सकती। सरकार की ओर से भी यह बात स्वीकार कर ली गई, लेकिन सरकार ने हाई कोर्ट से विजयवर्गीय के खिलाफ निजी परिवाद दायर करने की अनुमति मांगी। कोर्ट ने अनुमति देते हुए याचिका समाप्त कर दी। विजयवर्गीय पर बगैर अनुमति धरना, प्रदर्शन करने, रैली निकालने, भड़काऊ भाषण देने के आरोप में केस दर्ज किया गया था। इसे हाई कोर्ट में चुनौती दी गई थी। कोर्ट ने सुनवाई के बाद याचिका समाप्त कर दी।